Software kya hai??

Software kya hai जी हां जब हम कंप्यूटर की बात करते है, तो हमारे जहन मेंं यह जरूर आता है।सॉफ्टवेयर निर्देशो और प्रोग्राम्स का वह समूह होता है, जो कंप्यूटर को किसी कार्य बिशेष को पूरा करने के लिये निर्देश देता है।

सॉफ्टवेयर कुछ भी काम अकेले करने में अशमर्थ होता है, यह कुछ सहायक उपकरणों तथा प्रोग्राम्स के द्वारा ही काम करने में सक्षम होता है।

कंप्यूटर का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, सॉफ्टवेयर क्योंकि सॉफ्टवेयर किसी भी प्रोग्राम को शुरू हम सॉफ्टवेयर के द्वारा ही करबा सकते है।

Software kya hai??

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का वह हिस्सा होता है जिसे आप देख नही सकते है पर इस पर काम कर सकते है।

और आप सॉफ्टवेयर को touch भी नही कर सकते है, यह untouchable होता है।

क्योंकि सॉफ्टवेयर का कोई भौतिक अस्तित्व नही होता है। यह एक आभाषी बस्तु है जिसे सिर्फ समझा जा सकता है।

सॉफ्टवेयर यूजर को कंप्यूटर पर काम करने की क्षमता प्रदान करता है।

क्योंकि बिना सॉफ्टवेयर के हार्डवेयर एक डब्बे के समान होता है।

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर की रीढ़ की हड्डी के समान है, जैसे एक इंसान बिना रीढ़ की हड्डी के बिना चल फीर नही सकता है।

बैसे ही कंप्यूटर बिना सॉफ्टवेयर के बिना नही चल सकता है।

सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर का कोई अस्तित्व नही है, क्योंकि बिना सॉफ्टवेयर के आप कंप्यूटर पर कोई भी काम नही कर पायेंगे।

सॉफ्टवेयर के अलाबा भी कंप्यूटर के बहुत से महत्वपूर्ण हिस्से है, किन्तु उन सब मे सॉफ्टवेयर एक सबसे महत्वपूर्ण पार्ट है।

आप सोचिये अगर सॉफ्टवेयर नही होता तो आप नाही वीडियो देख पाते नाही आप म्यूजिक सुन पाते।

और नाही आप मेरे इस ब्लॉग को पड़ पाते तो आप अंदाजा लगा सकते है, की सॉफ्टवेयर की महत्वपूर्णता कितनी ज्यादा है।

इसके अलाबा भी बहुत सारे सॉफ्टवेयर है जैसे adove reader, picasa, MS office, photoshop आदि।

ये सॉफ्टवेर अलग-अलग काम के लीये अलग-अलग डिज़ाइन किये जाते है। यानी की आप एक ही सॉफ्टवेयर से सारे काम नही करबा सकते है।

सॉफ्टवेयर के प्रकार ( Types of Software )

सॉफ्टवेयर का निर्माण अलग-अलग कार्यो को सम्पनय करने के लिये बनाया जाता है।

यह अपने कार्य क्षमता के अनुसार काम करते है, जैसे की फोटोशॉप एक सॉफ्टवेयर है।

तो बो images को बनाने और उसको डिज़ाइन करने के काम मे उपयोग होता है।

ऐसे ही सॉफ्टवेयर को आसानी से समझने के लिये सॉफ्टवेयर को दो भागों में बाटा गया है।

  1. System Software
  2. Application Software

1. System Software

सिस्टम सॉफ्टवेयर ( system software ) का मुख्य काम होता है हार्डवेयर (hardware) को प्रबंध (manage) और नियंत्रित (control) करना होता है।

यह कंप्यूटर सिस्टम का महत्वपूर्ण अंग होता है, operating system (ऑपरेटिंग सिस्टम) इसका अच्छा उदारहण है।

सिस्टम सॉफ्टवेयर (system software) कंप्यूटर हार्डवेयर (hardware) डिवाइस को नियंत्रित और चलने के लिए मदद करता है।

System Software के कई प्रकार होते है जैसे

  • Operating System Software
  • Compiler
  • Interpreter
  • Assembler
  • Linker
  • Loader
  • Debugger etc.

Operating System

operating system कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, Operating System (OS) एक सॉफ्टवेयर है।

जो कंप्यूटर और यूजर के मध्य interface की तरह कार्य करता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम निर्देशो का समूह होता है, जो स्टोरेज डिवाइस में स्टोर होता है।

तथा यह प्रोग्राम्स का समूह होता है, जो की कंप्यूटर के operations और resources को manage करने का काम करता है।

Operating system का काम कंप्यूटर को चालु करने के लिये भी किया जाता है, OS कंप्यूटर में लोड होने वाला यह पहला प्रोग्राम होता है।

Operating System (OS) के बिना ना तो कंप्यूटर को चला सकते है और ना ही कंप्यूटर पर कुछ काम कर सकते है।

OS (Operating System) किसी भी कंप्यूटर की जान होता है, बिल्कुल बैसे ही जैसे एक इंसान के पास दिल न हो तो वह जी नही सकता है।

बिल्कुल बैसे ही अगर कंप्यूटर में ऑपरेटिंग सिस्टम न हो तो वह चल नही सकता है।

Operating System (OS) की ही मदद से हम मल्टीप्ल कार्य करने में शक्षम हो पाते है।

ऐसे ही कुछ ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में बताता हूं, जो कि कंप्यूटर और मोबाइल में उसे किये जाते है –

  1. Microsoft Windows
  2. Google’s Android OS
  3. Apple iOS
  4. Apple macOS
  5. Linux Operating System

ये सभी बड़े-बड़े और नामी ऑपरेटिंग सिस्टम है, और ज्यादातर लोग इन्ही ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते है।

इन ऑपरेटिंग सिस्टम के भी सुब पार्ट होते है जैसे की।

Microsoft Windows मे

  • Windows 7,8,9,10 आते है

2. Ubuntu

Functions of Operating System

  1. Process Management
  2. Memory Management
  3. Disk and File System
  4. Networking
  5. Security Management
  6. Device Derivers

Compiler

Compiler समान्यतः source code को machine code में ट्रांसलेट करने का काम करता है।

Source code को Machine code में Translate फ़ाइल को executable बनाने के लिये किया जाता है।

ये executbale file के कोड को Object code कहते है। executable फ़ाइल बन जाने के बाद programmer इसे कॉपी करके दूसरे कंप्यूटर में एक्सीक्यूट कर सकते है।

अगर हम आसान भाषा मे समजे तो प्रोग्राम एक बार एक्सीक्यूट हो जाने के बाद वह स्वतंत्र रूप से executable फ़ाइल बन जाती है।

जिसे एक्सीक्यूट होने के लिये बार-बार compile करने की आबश्यकता नही होती है।

प्रत्येक प्रोग्रामिंग language को compile करने की आबश्यकता होती है।

कम्पाइलर, सोर्स कोड को मशीन कोड में बदलने का काम करता है इसकी कार्य करने की गति अधिक होती है।

क्योंकि यह पूरे प्रोग्राम को एक ही बार मे रीड करता है और यह मेमोरी में अधिक जगह लेता है।

और अगर प्रोग्राम में कोई error आती है तो वह यूजर को error show करता है।

Interpreter

Interpreter भी कम्पाइलर के जैसे ही काम करता है, यह भी high level language (Source Code) को मशीन language में बदलने का काम करता है।

किन्तु इसकी कार्य प्रणाली कम्पाइलर से थोड़ी अलग होती है।

Interpreter हर एक इंस्ट्रक्शन या हर एक लाइन को बारी-बारी से चेक करता है और मशीन language को ट्रांसलेट करता है।

यह कम्पाइलर की तरह पुरे प्रोग्राम को एक साथ मशीन language में ट्रांसलेट नही करता हैं।

Interpreter मेमोरी में कम स्थान घेरता है, क्योंकि यह प्रोग्राम की हर लाइन को चेक करता है, अगर कोई सी लाइन में error आती है।

तो यह तुरंत error मैसेज show कर देता है, और यह तब तक आगे नही बड़ता है जब तक की वह error ठीक ना हो जाये।

Assembler

Assembler एक प्रकार का कंप्यूटर प्रोग्राम होता है, जो assembly language में लिखे गए सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को मशीन की भाषा, कोड और निर्देशो को interpret करता है।

यह निमोनीक कोड (mnemonic code) जैसे- ADD, NOV, SUB आदि को binary कोड में बदलता है।

Linker

Linker एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है, जो बाइनरी language में प्राप्त कोड को मशीन कोड में बदलने का काम करता है।

यह .exe फ़ाइल बनाने का काम करता है।

Loader

लोडर का काम होता है प्रोग्राम के मशीन कोड को सिस्टम के मेमोरी में लोड करने का काम करता है।

Loader operating system का हिस्सा होता है जो प्रोग्राम लोडिंग के लिए जिमेदार होता है।

यह प्रोग्राम के वर्चुअल एड्रेस को फिजिकल एड्रेस में बदलने का काम करता है। और आपके कंप्यूटर में फोल्डर या फ़ाइल तैयार हो जाता है।

Application Software

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर यूजर को अपनी मर्जी के हिसाब से कार्य करने के लिये बनाया जाता है।

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के लिए बहुत जरूरी होता है, क्योंकि अगर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर नही होगा तो यूजर कंप्यूटर पर कार्य नही कर पायेगा।

कंप्यूटर के कुछ एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के बारे में जाने-

  1. Microsoft Product like
  • Microsoft Office
  • MS Excel
  • MS Word
  • Power Point
  • Outlook etc

2. Internet browser like

  • Firefox
  • Safari
  • And Chrome

Utility Software

Utility software को सर्विस प्रोग्राम के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रकार का कंप्यूटर सॉफ्टवेयर है।

इसे कंप्यूटर हार्डवेयर (Hardware), ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System), और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) को ब्यवस्थित करने हेतु डिज़ाइन किया जाता है।

Types of utility software

  • Disk Defragmenter
  • Anti Virus
  • Disk Checker
  • Virus Scanner
  • Disk Cleaner
  • Scan Disk
  • System Profilers etc.

सारांश

  1. सॉफ्टवेयर को आप केबल देख सकते है, आप इसे टच नही कर सकते है।

2. सॉफ्टवेयर के बिना आप कुछ कार्य नही कर सकते है।

3. सॉफ्टवेयर के प्रकार – System software, application software, और utility सॉफ्टवेयर।

4. कुछ भी कार्य करने के लिये कंप्यूटर में operating system software होना जरूरी है।

Software kya hai?? आपको यह आर्टिकल पड़ने के बाद समज आया होगा। मुझे उम्मीद है की इस article को पड़ने के बाद आपको सॉफ्टवेयर के बारे में पता चल गया होगा।

अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो कृपया आप मुझे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताये।