लाल दरवाज़े का रहस्य भाग – 4 || Mystery of the red door part – 4

Mystery of the red door part 4 – अगले दिन, रिया और विजय ने फिर से मंदिर की खोज की। इस बार उन्हें एक और रहस्यमयी कमरे का पता चला, जो बगीचे के दूसरे छोटे से भाग में छिपा हुआ था। रास्ते में उन्हें कई सुरंगों और गुफायो का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपने साहस और समझदारी से हर मुश्किलात का सामना किया।

अंत में, रिया और विजय ने उस रहस्यमयी कमरे तक पहुंच गए। उस कमरे के अंदर एक विशाल वृक्ष की मूर्ति थी, जो विचारमग्न दृष्टिकोण से बनी थी। वे आश्चर्यचकित हुए और सोचने लगे कि इसका अर्थ क्या हो सकता है।

तभी उन्हें उस मूर्ति के बगीचे के नीचे दीवार पर लिखी गई एक संस्कृत भाषा में श्लोक नज़र आया। रिया ने उसे पढ़ना शुरू किया। श्लोक के अनुवाद में लिखा था,

“जो व्यक्ति इस मंदिर में श्रद्धा और विश्वास के साथ प्रवेश करता है,
उसे मिलती है यहां सभी की आस्था का वरदान।
इस वृक्ष की मूर्ति के नीचे छिपे हैं अद्भुत सम्पदाएं,
उन्हें पाने के लिए ध्यान रखें श्रद्धालु और नेक नियमिताएं।”

रिया और विजय ने अद्भुत भावना से उस मूर्ति के सामने प्रणाम किया और उन्होंने तत्पश्चात ध्यान से उस श्लोक का पालन करने का संकल्प लिया। वे विशेष ध्यान रखने लगे कि वे इस मंदिर में नेक नियमिताएं पाले और श्रद्धा और विश्वास से इस मंदिर का देखभाल करें।

Mystery of the red door part 4

धीरे-धीरे उन्हें उस वृक्ष के बारे में और भी कई रहस्यमय ज्ञान का अनुभव होने लगा। उन्हें यह भी पता चला कि इस मंदिर के वृक्ष में एक पवित्र चावल के दाने की अमूल्य रजत मूर्ति छिपी हुई है, जो खोजने वाले को असीम धन और सफलता प्रदान कर सकती है।

रिया और विजय को यह रहस्यमयी चावल की खोज करने का संकल्प बनाया। उन्होंने विशाल बगीचे में एक-दूसरे सहायता की और नए रहस्यमयी चुनौतियों का सामना किया।

क्या रिया और विजय को वह अमूल्य रजत मूर्ति और रहस्यमयी चावल मिलेगा? कैसे होगा इस रहस्यमयी कहानी का अंत? आगामी कहानी में जानने के लिए जुड़े रहें।