Top 10 moral stories in hindi

Top 10 moral stories in hindi – नैतिक कहानियाँ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये कहानियाँ न केवल हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाती हैं, बल्कि हमारी सोच और दृष्टिकोण को भी प्रभावित करती हैं। यहाँ हम आपके लिए शीर्ष 10 नैतिक कहानियाँ प्रस्तुत कर रहे हैं जो न केवल बच्चों बल्कि बड़ों के लिए भी प्रेरणादायक हैं।

1. शेर और चूहा (The Lion and the Mouse)

कहानी

एक बार की बात है, एक घने जंगल में एक शेर राजा रहा करता था। एक दिन शेर भोजन करके आराम कर रहा था। उसी समय, एक छोटा चूहा उसके ऊपर दौड़ते हुए निकला। शेर की नींद टूट गई और उसने गुस्से में चूहे को पकड़ लिया। शेर ने कहा, “तूने मेरी नींद खराब की है, अब तुझे इसकी सजा मिलेगी।”

चूहा डर गया और उसने शेर से प्रार्थना की, “महाराज, मुझे माफ कर दीजिए। अगर आप मुझे छोड़ देंगे, तो मैं एक दिन आपकी मदद जरूर करूंगा।” शेर ने हंसते हुए कहा, “तू जैसा छोटा चूहा मेरी क्या मदद करेगा?” लेकिन फिर भी उसने चूहे को जाने दिया। कुछ दिनों बाद, शेर शिकारी के जाल में फंस गया।

शेर ने बहुत कोशिश की, लेकिन वह जाल से निकल नहीं सका। वह जोर-जोर से दहाड़ने लगा। उसकी दहाड़ सुनकर चूहा वहां आ गया। चूहे ने देखा कि शेर जाल में फंसा हुआ है। उसने बिना समय गवाए अपने नुकीले दांतों से जाल काटना शुरू किया। कुछ ही समय में, शेर जाल से आज़ाद हो गया।

नैतिक

हर किसी की मदद करनी चाहिए, चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो। किसी की मदद करने से हम खुद भी कभी मुश्किल में मदद पा सकते हैं।

2. कछुआ और खरगोश (The Tortoise and the Hare)

कहानी

एक घने जंगल में एक तेज दौड़ने वाला खरगोश और एक धीमा चलने वाला कछुआ रहते थे। एक दिन खरगोश ने कछुए को दौड़ में चुनौती दी। खरगोश को अपनी तेज़ दौड़ने की क्षमता पर बहुत गर्व था और वह सोचता था कि कछुआ कभी उसे हरा नहीं सकता।

दौड़ शुरू हुई और खरगोश तेजी से दौड़ने लगा। रास्ते में उसने सोचा कि कछुआ बहुत पीछे है, इसलिए वह एक पेड़ के नीचे आराम करने लगा और सो गया। दूसरी ओर, कछुआ धीरे-धीरे लेकिन लगातार चलता रहा और खरगोश को सोता हुआ देखकर भी नहीं रुका।

जब खरगोश की नींद खुली, तो उसने देखा कि कछुआ लगभग जीतने वाला है। उसने पूरी ताकत से दौड़ने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। कछुआ फिनिश लाइन पार कर चुका था और दौड़ जीत चुका था।

नैतिक

धीरे-धीरे और लगातार चलते रहने से सफलता मिलती है। आत्मविश्वास अच्छा है, लेकिन अति आत्मविश्वास हानिकारक हो सकता है।

3. ईमानदार लकड़हारा

कहानी

एक गरीब लकड़हारा अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए जंगल से लकड़ियाँ काटता था। एक दिन, वह नदी के किनारे लकड़ी काट रहा था। अचानक उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई। वह नदी के किनारे बैठकर रोने लगा क्योंकि उसकी कुल्हाड़ी खो चुकी थी और वह नई कुल्हाड़ी खरीदने में असमर्थ था।

उसकी ईमानदारी और सच्चाई से प्रभावित होकर नदी से एक देवता प्रकट हुए। उन्होंने लकड़हारे से पूछा कि क्या हुआ। लकड़हारे ने सच-सच सारी घटना बताई। देवता ने सोने की कुल्हाड़ी पेश की और पूछा, “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?” लकड़हारे ने कहा, “नहीं, यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है।”

फिर देवता ने चांदी की कुल्हाड़ी पेश की और वही सवाल किया। लकड़हारे ने फिर से मना कर दिया। अंत में, देवता ने उसकी अपनी लोहे की कुल्हाड़ी पेश की। लकड़हारा खुशी से बोला, “हाँ, यही मेरी कुल्हाड़ी है।” उसकी ईमानदारी से प्रभावित होकर देवता ने उसे सोने और चांदी की कुल्हाड़ी भी दे दी।

नैतिक

ईमानदारी हमेशा सबसे अच्छी नीति होती है। सच्चाई और ईमानदारी से हमें हमेशा लाभ ही होता है।

4. दो मित्र और भालू (Two Friends and the Bear)

कहानी

एक बार की बात है, दो दोस्त जंगल में घूमने निकले। जंगल में घूमते-घूमते वे गहरे जंगल में पहुंच गए। अचानक उनके सामने एक बड़ा भालू आ गया। दोनों दोस्त डर गए।

एक दोस्त जल्दी से एक पेड़ पर चढ़ गया। दूसरे दोस्त को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था, इसलिए उसने तुरंत जमीन पर लेटकर सांस रोक ली और मृत होने का नाटक किया। भालू उसके पास आया, उसे सूंघा और चला गया क्योंकि भालू मरे हुए प्राणियों को नहीं खाता।

जब भालू चला गया, तो पेड़ पर चढ़ा दोस्त नीचे आया और उसने अपने दोस्त से पूछा, “भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?” दूसरे दोस्त ने जवाब दिया, “भालू ने कहा कि सच्चे दोस्त कभी भी खतरे के समय एक-दूसरे को नहीं छोड़ते।”

नैतिक

सच्चे दोस्त वही हैं जो संकट के समय आपके साथ खड़े रहें। हमें हमेशा सच्चे और वफादार मित्रों की पहचान करनी चाहिए।

5. लोमड़ी और अंगूर

कहानी

एक बार की बात है, एक भूखी लोमड़ी अंगूरों की बेल के पास पहुंची। बेल पर लटके अंगूर बहुत ऊंचाई पर थे। लोमड़ी ने अंगूर पाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह असफल रही। उसने कई बार उछलकर अंगूर पकड़ने की कोशिश की, लेकिन हर बार असफल रही।

अंत में, थककर और निराश होकर उसने सोचा कि यह बेकार की कोशिश है। उसने खुद को संतोष देने के लिए कहा, “ये अंगूर खट्टे हैं, इन्हें खाने का कोई फायदा नहीं।” और वहां से चली गई।

नैतिक

जो चीज हमें नहीं मिलती, उसे हम अक्सर नकार देते हैं। हमें अपनी असफलताओं को स्वीकार करना चाहिए और कोशिश जारी रखनी चाहिए।

6. प्यासा कौआ (The Thirsty Crow)

कहानी

गर्मी का मौसम था और एक कौआ बहुत प्यासा था। वह इधर-उधर उड़ता रहा, लेकिन कहीं भी पानी नहीं मिला। अंततः उसने एक घड़ा देखा जिसमें थोड़ा सा पानी था। घड़े का पानी इतना कम था कि कौआ अपनी चोंच से उसे नहीं पी सकता था।

कौए ने सोचा कि पानी को कैसे पिया जाए। उसने चारों ओर देखा और पास पड़े कंकड़ एक-एक कर घड़े में डालना शुरू किया। धीरे-धीरे कंकड़ डालने से पानी ऊपर आ गया। कौआ खुश हुआ और उसने पानी पिया।

नैतिक

समस्याओं का समाधान धैर्य और प्रयास से निकलता है। कठिन परिस्थितियों में धैर्य और बुद्धिमानी से काम लेना चाहिए।

7. बुराई का फल (The Fruit of Evil)

कहानी

एक बार की बात है, एक किसान अपने खेत में कड़ी मेहनत से फसल उगा रहा था। उसके पड़ोसी की फसल उसकी फसल से बेहतर थी, और वह इससे जलन महसूस करता था। उसने सोचा कि वह अपने पड़ोसी की फसल को नष्ट कर देगा।

उसने अपने खेत में रासायनिक पदार्थ डाले जो उसकी फसल को नष्ट कर सकते थे। कुछ ही दिनों में पड़ोसी की फसल बर्बाद हो गई, लेकिन साथ ही उसके अपने खेत की फसल भी नष्ट हो गई। किसान ने अपनी गलती समझी और पछताया।

नैतिक

बुरे कार्यों का परिणाम हमेशा बुरा ही होता है। हमें कभी भी दूसरों के प्रति बुरी भावना नहीं रखनी चाहिए।

8. मूर्ख गधा (The Foolish Donkey)

कहानी

एक धोबी के पास एक गधा था। धोबी रोज़ सुबह अपने गधे पर नमक लादकर नदी पार करता था। एक दिन गधा फिसलकर नदी में गिर गया। नमक पानी में पिघल गया और गधे का भार कम हो गया। गधे ने इसे चालाकी मान लिया और अगली बार फिर से नदी में गिर गया।

धोबी ने गधे की चालाकी समझ ली। अगली बार उसने गधे पर कपास लाद दी। गधा फिर से नदी में गिर गया, लेकिन इस बार कपास पानी में भीगकर भारी हो गई। गधे को अब चालाकी का परिणाम समझ में आ गया।

नैतिक

चालाकी और धोखाधड़ी का परिणाम हमेशा अच्छा नहीं होता। ईमानदारी और परिश्रम से ही सफलता प्राप्त होती है।

9. लालची कुत्ता (The Greedy Dog)

कहानी

एक कुत्ते को एक टुकड़ा मांस मिला। वह उसे लेकर जा रहा था और एक नदी पार कर रहा था। उसने पानी में अपनी परछाई देखी और सोचा कि यह दूसरा कुत्ता है जिसके पास बड़ा टुकड़ा मांस है। उसने अपने मांस के टुकड़े को छोड़कर परछाई वाले टुकड़े को पकड़ने की कोशिश की और उसका अपना टुकड़ा पानी में गिर गया।

नैतिक

लालच हमेशा नुकसान पहुंचाता है। हमें अपने पास जो है, उसमें संतुष्ट रहना चाहिए।

10. बंदर और टोपी वाला (The Monkey and the Hat Seller)

कहानी

एक बार की बात है, एक टोपी वाला जंगल से गुजर रहा था। वह थकान के कारण एक पेड़ के नीचे सो गया और उसने अपनी टोपी का थैला अपने पास रख लिया। जब वह जागा, तो उसने देखा कि सारे बंदर उसकी टोपियाँ पहने हुए थे। टोपी वाला परेशान हो गया और सोचने लगा कि कैसे अपनी टोपियाँ वापस ले।

तभी उसे एक उपाय सूझा। उसने अपनी टोपी उतारकर जमीन पर फेंक दी। बंदरों ने भी उसकी नकल की और अपनी-अपनी टोपियाँ जमीन पर फेंक दीं। टोपी वाला खुशी-खुशी अपनी सारी टोपियाँ इकट्ठा कर वापस ले सका।

नैतिक

समस्या को हल करने के लिए बुद्धिमानी का उपयोग करना चाहिए। कठिन परिस्थितियों में हमें अपने दिमाग का सही उपयोग करना चाहिए।

सारांश (Conclusion)

इन कहानियों में से प्रत्येक न केवल हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाती है, बल्कि हमें सोचने पर भी मजबूर करती है कि हमें अपने दैनिक जीवन में इन नैतिकताओं को कैसे लागू करना चाहिए। हमें उम्मीद है कि ये कहानियाँ आपके लिए प्रेरणादायक साबित होंगी।


Leave a Comment